भारत में रहने वाले सभी मध्यम परिवार के लोगों का सपना होता है कि उनके बच्चे अच्छे से पढ़ाई करें और भारत के सबसे कठिन एग्जाम जो की यूपीएससी है उसको क्लियर करें । भारत में ज्यादातर बच्चे हिंदी माध्यम से पढ़ाई करते हैं, विशेष तौर पर ऐसे बच्चे जो बिहार यूपी और झारखंड में रहते हैं वह हिंदी में ही अपनी तैयारी करते हैं। लेकिन आज के समय में जहां अंग्रेजी में ही सारे शिक्षक चाहे वह यूट्यूब हो या कोई सोशल मीडिया अकाउंट सभी इंग्लिश में ही पढ़ाई करवाते हैं , ऐसे में यूपीएससी की तैयारी हिंदी माध्यम में कर रहे बच्चों को बहुत ही परेशानियों का सामना करना पड़ता है , लेकिन देवघर आईएएस को
जैसे कोचिंग संस्थान ने हिंदी माध्यम में विशेष बैच लाकर ऐसे बच्चों की परेशानियों को समझा है और उनको दूर करने की कोशिश की है। उनके इस कोशिश के वजह से बहुत सारे बच्चे आज हिंदी माध्यम से तैयारी कर रहे हैं और अच्छी रैंक लाकर अपने परिवार और गांव तथा शहर का नाम रोशन कर रहे हैं।
2025 के लिए यदि आप भी यूपीएससी की तैयारी शुरू कर चुके हैं या करने वाले हैं, तो यह गाइड आपके लिए है जिसमें हम बताएँगे कि UPSC 2025 में हिंदी माध्यम से IAS कैसे बनें?
परिचय: हिंदी माध्यम से UPSC – एक प्रेरणादायक सफर
भारत में हर साल लाखों छात्र UPSC की परीक्षा में बैठते हैं जिसमें हिंदी माध्यम और अंग्रेज़ी माध्यम के बच्चे होते हैं, और उन सबका एक ही सपना होता है कि उनका भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) में चयन हो जाए तथा अपने देश की विकास के लिए सेवा करें। यूपीएससी का यह सफर आसान नहीं होता, इस सफर को तय करने के लिए सही शिक्षक और मार्गदर्शन की ज़रूरत होती है। आज के समय में जहाँ अंग्रेज़ी भाषा को ज़्यादा वरीयता देते हैं, यह हिंदी माध्यम के छात्रों के लिए एक बड़ी चिंता बन गई है क्योंकि हिंदी माध्यम के छात्रों के पास इतने संसाधन नहीं हैं जितने कि अंग्रेज़ी माध्यम के छात्रों के पास हैं। लेकिन फिर भी इन छात्रों की कड़ी मेहनत और लगन के कारण हर साल हिंदी माध्यम के छात्र UPSC परीक्षा पास कर आईएएस, आईपीएस, आईएफएस जैसे पदों तक पहुँच रहे हैं। हिंदी हमारे देश में 40% लोगों द्वारा बोला जाता है तथा पढ़ा जाता है ।ऐसे में यूपीएससी भी हिंदी माध्यम में बच्चों को परीक्षा देने के लिए प्रोत्साहित करती है तथा सारे संसाधन उपलब्ध करवाती है। यहां तक कि अगर कोई बच्चा किसी और भाषा में परीक्षा देना चाहता है या साक्षात्कार देना चाहता है ,तो वह उसमें भी दे सकता है इसके लिए अगर अनुवादक की जरूरत होती है तो यूपीएससी उसका भी इंतजाम करवाती हैं। आज के समय में यूपीएससी के इस प्रयास के कारण बच्चे अपने भाषा को लेकर हिचकिचाते नहीं है तथा तैयारी करने के लिए हमेशा कड़ी मेहनत करते हैं और सफलता को हासिल करते हैं।
क्या हिंदी माध्यम से IAS बनना मुश्किल है?
अक्सर जब कोई बच्चा हिंदी माध्यम का होता है और वह UPSC जैसे कठिन परीक्षा की तैयारी शुरू करता है जहाँ उनको कम संसाधन और शिक्षकों के मार्गदर्शन की कमी को पार करना होता है तो एक आम सवाल सबके मन में आता है कि क्या हिंदी माध्यम से UPSC क्लियर करना मुमकिन है? इसका उत्तर है – हाँ, बिल्कुल मुमकिन है, अगर सही मार्गदर्शन, निरंतर अभ्यास, और मजबूत आत्मविश्वास के साथ तैयारी की जाए तो यह मुमकिन है। इसको कई छात्रों ने UPSC के परीक्षा को पास करके साबित भी किया है जैसे गणेश कुमार जिनका एआईआर 343 है जो 2022 में हिंदी माध्यम से आईएएस बने। वहीं अनु कुमारी जिनका रैंक एआईआर 2 है 2017 में हिंदी माध्यम से टॉप रैंक पाई। और 2025 में ही शक्ति दुबे ने भी हिंदी माध्यम से एआईआर 1 लाकर सभी हिंदी माध्यम के छात्रों के सामने एक मिसाल का काम कर रही हैं।
यूपीएससी बोर्ड कभी भी आपकी भाषा को लेकर नहीं बल्कि आपकी सोच, विश्लेषण और प्रस्तुति को आंकता है। इसलिए हिंदी माध्यम के छात्रों को डरने की ज़रूरत नहीं है, बल्कि समर्पित योजना की ज़रूरत है जिसमें उनको अच्छे से लिखना, अपनी बात को कुशलतापूर्वक रखना और स्पष्ट विश्लेषण करना आना चाहिए।
UPSC 2025 परीक्षा प्रारूप – हिंदी माध्यम में
यूपीएससी परीक्षा तीन चरणों में होती है:
और ये चरण हैं – प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार।
- प्रारंभिक परीक्षा में दो पेपर होते हैं – सामान्य अध्ययन (जीएस) और सीसैट जो कि वस्तुनिष्ठ (एमसीक्यू) आधारित होते हैं तथा हिंदी और अंग्रेज़ी दोनों में उपलब्ध होते हैं।
- इसके बाद होती है मुख्य परीक्षा, जिसमें 9 पेपर होते हैं जिसमें वर्णनात्मक उत्तर लिखना होता है – यहाँ भी आप हिंदी में लिख सकते हैं।
- जब कोई बच्चा मुख्य परीक्षा पास कर लेता है तो उसको साक्षात्कार का सामना करना होता है जिसमें वह अपनी पसंद की भाषा में दे सकता है – जिसमें हिंदी भी शामिल है और आवश्यकता होने पर अनुवादक भी उपलब्ध कराया जाता है।
- एक ध्यान देने वाली बात यह है कि हिंदी माध्यम के लिए सभी दिशानिर्देश और प्रश्नपत्र हिंदी में उपलब्ध होते हैं। अतः आपकी हिंदी पर पकड़ अच्छी होनी चाहिए ताकि आप प्रश्न को अच्छे से समझ कर उसका उत्तर दे पाएं।
UPSC 2025 का सिलेबस हिंदी में
नीचे हमने यूपीएससी 2025 के सिलेबस का अच्छे से व्याख्या किया है जिसे समझ कर और पढ़कर आपको यूपीएससी की तैयारी करने में मदद मिलेगी तथा आप सही लगन और मेहनत से सफलता को हासिल कर सकते हैं।
सामान्य अध्ययन (जीएस) पेपर I – IV: सामान्य अध्ययन पेपर I – IV के लिए आपको इतिहास, भूगोल, समाज, राजनीति, अर्थव्यवस्था, पर्यावरण, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, आंतरिक सुरक्षा तथा करंट अफेयर्स का समावेश करके पढ़ना होगा।
निबंध पेपर: इसमें आपको 2 निबंध लिखने होंगे और प्रत्येक निबंध 1000–1200 शब्दों में लिखना होगा। इसमें विषयों की विविधता होती है जैसे दर्शन, राजनीति, समाज, अर्थव्यवस्था आदि।
वैकल्पिक विषय (ऑप्शनल): वैकल्पिक विषय में आप कोई भी विषय चुन सकते हैं जो हैं – हिंदी साहित्य, भूगोल, समाजशास्त्र, लोक प्रशासन, इतिहास, राजनीति आदि, इनमें से जो भी आपको आसान लगे या जिनमें आपकी रुचि है, चुन सकते हैं।
भाषा पत्र: पेपर A जो आपको क्षेत्रीय भाषा में देना होता है – मतलब हिंदी माध्यम वालों के लिए अनिवार्य नहीं। पेपर B – अंग्रेज़ी में होता है तथा हिंदी मीडियम छात्र को भी अंग्रेज़ी न्यूनतम स्तर पर पास करना अनिवार्य होता है।
हिंदी माध्यम से सफल होने की रणनीति
निम्न तरीकों से आप हिंदी माध्यम में सफल हो सकते हैं और यूपीएससी में अच्छा रैंक प्राप्त कर सकते हैं
1. हिंदी में प्रामाणिक किताबों का चयन करें,जैसे एनसीईआरटी की 6वीं से 12वीं तक की किताबें पढ़ें। आप विषयवार स्टैंडर्ड किताबें भी हिंदी में चुनें जिनसे आपको किसी भी विषय पर विश्लेषण देने में मदद मिलेगी और आपका उत्तरलेखन अच्छा होगा।
2. उत्तर लेखन की नियमित प्रैक्टिस करें, इसके लिए रोज़ाना 150 से 250 शब्दों में उत्तर लिखने का अभ्यास करें, प्रश्न के अनुरूप उत्तर का ढांचा तैयार करें जैसे प्रस्तावना – मुख्य भाग – निष्कर्ष।
3. टॉपिक क्लैरिटी और विश्लेषणात्मक सोच पर ध्यान दें, क्योंकि सिर्फ याद करना नहीं, समझना ज़रूरी है। देश–विदेश में चल रहे समसामयिक मुद्दों से जोड़कर उत्तर लिखें जो आपको ज्यादा अंक प्राप्त करने में मदद करेगा।
4. पिछले वर्ष के प्रश्नपत्र हल करें,जिससे आपको प्रश्न के ट्रेंड को समझने में मदद मिलेगी और उत्तर लेखन में सुधार होगा।
5. टॉपर्स के इंटरव्यू और रणनीति वीडियो देखें और उनके नोट्स, समय-सारणी, उत्तर लेखन के तरीके से सीखें।
UPSC के लिए बेस्ट हिंदी मीडियम किताबें
विषय | किताब |
भारतीय संविधान | एम. लक्ष्मीकांत की ‘भारतीय संविधान |
आधुनिक भारत | बिपिन चंद्र की ‘आधुनिक भारत का इतिहास’ |
भूगोल | दिशा पब्लिकेशन की ‘भारत का भूगोल’ |
अर्थव्यवस्था | संजीव वर्मा की ‘भारतीय अर्थव्यवस्था’ |
करंट अफेयर्स | योजना, कुरुक्षेत्र, द हिंदू (हिंदी), दैनिक जागरण |
इसके अलावा आप जल्दी रिवीजन के लिए अपने हाथों से नोट्स बना सकते हैं और परीक्षा के समय उसी से पढ़ सकते हैं।
मॉडल उत्तर और टेस्ट सीरीज़ की भूमिका
UPSC जैसी परीक्षा में केवल पढ़ना पर्याप्त नहीं होता, उत्तर लेखन और समय प्रबंधन भी ज़रूरी हैं।
- टेस्ट सीरीज़ की मदद से आप आत्ममूल्यांकन कर सकते हैं कि आपका कौन से विषय में पकड़ कम है और किन विषयों पर ज़्यादा ध्यान देना है। इससे समय पर पेपर पूरा करने की आदत डाल सकते हैं जो परीक्षा में बहुत मददगार होती है।
- टेस्ट सीरीज़ में दिए गए सुझाव से आप उत्तर लेखन कौशल में सुधार कर सकते हैं जो आपको परीक्षा में अच्छे अंक दिलाने में मदद कर सकता है।
- आप हिंदी माध्यम का विशेष टेस्ट सीरीज़ लेकर दैनिक प्रश्न का उत्तर लेखन अभ्यास कर सकते हैं। और साप्ताहिक तथा मासिक टेस्ट से आप अपनी रैंक का पता लगा सकते हैं।
UPSC में हिंदी माध्यम से सफल हुए कुछ नाम
नाम | वर्ष | रैंक | माध्यम |
शक्ति दुबे | 2025 | 1 | हिंदी |
रवि राज | 2025 | 182 | हिंदी |
अंकिता कांती | 2024 | 137 | हिंदी |
आदित्य श्रीवास्तव | 2023 | 1 | हिंदी |
गणेश कुमार | 2024 | 343 | हिंदी |
सुरभि गौतम | 2016 | 50 | हिंदी |
अवनीश शरण | 2009 | 77 | हिंदी |
Deoghar IAS कैसे मदद कर सकता है?
यदि आप एक हिंदी माध्यम के छात्र हैं, तो Deoghar IAS आपके लिए एक भरोसेमंद मार्गदर्शक बन सकता है।
- Deoghar IAS कोचिंग संस्थान हिंदी माध्यम में विशेष बैच बनाता है जिसका बच्चे लाभ ले सकते हैं।
- रोज़ाना उत्तर लेखन अभ्यास से बच्चे समय का सही उपयोग कर सकते हैं और अपने अंक को बढ़ा सकते हैं।
- Deoghar IAS ऑनलाइन और ऑफलाइन बैच भी उपलब्ध कराता है ताकि बच्चे अपने घर और गाँव से भी तैयारी कर सकें।
- Deoghar IAS के अनुभवी फैकल्टी जैसे नीरज नाचिकेता सर के मार्गदर्शन, पर्सनल गाइडेंस और मेंटरशिप प्रोग्राम से बच्चे मानसिक रूप से मज़बूत बनते हैं।
निष्कर्ष: आपकी भाषा – आपकी ताकत
UPSC जैसी परीक्षा सभी के लिए एक चुनौतीपूर्ण सफर होता है जिसमें भाषा एक अहम भूमिका निभाती है। हिंदी माध्यम के बच्चे अक्सर इस परीक्षा से घबराते हैं लेकिन शक्ति दुबे जैसे छात्रों ने यह साबित कर दिया कि UPSC में भाषा कोई बाधा नहीं है, बल्कि आपकी तैयारी का तरीका मायने रखता है।
हिंदी माध्यम से IAS बनना पूरी तरह संभव है। सही मार्गदर्शन, योजना और नियमित अभ्यास से आप भी UPSC 2025 में सफलता पा सकते हैं।
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FAQs – अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
Q1. क्या हिंदी माध्यम से UPSC में चयन संभव है?
हाँ, हिंदी माध्यम से UPSC में चयन संभव है, हर साल कई छात्र जैसे शक्ति दुबे, रवि राज, आदित्य श्रीवास्तव जैसे बच्चे हिंदी माध्यम से चयनित होते हैं और हिंदी माध्यम से तैयारी कर रहे बच्चों का मनोबल बढ़ाते हैं।
Q2. हिंदी में उत्तर लिखने से अंक कम मिलते हैं क्या?
नहीं, हिंदी में उत्तर लिखने से अंक कम नहीं मिलते हैं। UPSC भाषा के आधार पर अंक नहीं काटता बल्कि वह हमेशा **सामग्री और प्रस्तुति** को देखकर अंक देता है।
Q3. हिंदी माध्यम की बेस्ट किताबें कौन सी हैं?
भारतीय संविधान के लिए लक्ष्मीकांत, इतिहास के लिए बिपिन चंद्र, अर्थशास्त्र के लिए संजीव वर्मा आदि की किताबें श्रेष्ठ हैं।
Q4. क्या इंटरव्यू भी हिंदी में दे सकते हैं?
हाँ, इंटरव्यू हिंदी में दिया जा सकता है। आवश्यकता होने पर अनुवादक की सुविधा भी मिलती है।
Q5. क्या Deoghar IAS हिंदी मीडियम छात्रों के लिए बैच चलाता है?
हाँ, Deoghar IAS हिंदी मीडियम छात्रों के लिए विशेष बैच चलाता है, जो ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों प्रारूपों में उपलब्ध हैं। जिससे पैसों की कमी के कारण कोई बच्चा अपनी तैयारी न रोके।